ज़िंदगी में खुशियों की तलाश में इन्सान कहाँ-कहाँ नहीं भागता है खुश रहने के लिए उपाय और तरीके आजमाते रहता है, लेकिन खुशियाँ नहीं मिलती। कहीं कभी थोड़ी मिल भी जाती है तो वो भी जल्दी ही क्षीण हो जाती है।
इसी रोजमर्रा के भागदौड़ में वो बहुत सारी चीजों में फंस जाता है और दुःखी, उदास निराश हो जाता है। मन में चिंता, असंतोष, अशांति और कड़वाहट पाल लेता है। लेकिन खुशियाँ नहीं मिलती। क्या आपके साथ भी यही हो रहा है?